चीन ने 19 अप्रैल 2025 को बीजिंग के यिझुआंग जिले में दुनिया की पहली ह्यूमनॉइड रोबोट हाफ मैराथन आयोजित की। इस ऐतिहासिक 21 किलोमीटर की दौड़ में 21 ह्यूमनॉइड रोबोट्स ने हजारों मानव धावकों के साथ हिस्सा लिया।मुख्य बातें:विजेता रोबोट: बीजिंग इनोवेशन सेंटर ऑफ ह्यूमन रोबोटिक्स द्वारा विकसित 'तियांगोंग अल्ट्रा' ने रोबोट श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया, जिसने दौड़ 2 घंटे 40 मिनट में पूरी की। इसकी तुलना में मानव विजेता, इथोपिया के एलियास डेस्टा, ने 1 घंटे 2 मिनट में दौड़ पूरी की।रोबोट्स की विशेषताएं: दौड़ में शामिल रोबोट्स 0.5 से 2 मीटर ऊंचाई के थे, और वे दो पैरों पर चलने वाले बाइपेडल रोबोट थे। कुछ स्वायत्त थे, जबकि अन्य रिमोट-नियंत्रित। पहियों का उपयोग वर्जित था।चुनौतियां: केवल छह रोबोट्स ही दौड़ पूरी कर पाए। कुछ रोबोट्स शुरुआत में गिर गए, रास्ता भटक गए, या तकनीकी समस्याओं (जैसे ओवरहीटिंग और बैटरी फेलियर) का सामना किया।उद्देश्य: यह आयोजन चीन की रोबोटिक्स और AI प्रगति को प्रदर्शित करने और रोबोट्स की गति, संतुलन, और विश्वसनीयता का परीक्षण करने के लिए था। यह दौड़ उद्योग, स्वास्थ्य सेवा, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में रोबोट्स की क्षमता को बढ़ावा देने का हिस्सा थी।पुरस्कार: विजेता रोबोट को 5,000 युआन ($697) का पहला पुरस्कार, दूसरा पुरस्कार 4,000 युआन ($558), और तीसरा पुरस्कार 3,000 युआन ($418) दिया गया।महिला रोबोट: एक महिला रोबोट भी दौड़ में शामिल थी, जो आंख मारने और मुस्कुराने जैसे मानवीय फीचर्स के साथ थी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।महत्व: यह दौड़ चीन की तकनीकी महत्वाकांक्षाओं और AI-रोबोटिक्स में उसकी प्रगति का प्रतीक थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन ह्यूमनॉइड रोबोट्स के वास्तविक दुनिया में उपयोग को परखने का एक कदम है। चीन का ह्यूमनॉइड रोबोट बाजार 2030 तक 119 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।यह आयोजन न केवल तकनीकी नवाचार को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या भविष्य में रोबोट्स इंसानों के साथ और करीब से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। क्या आप इस दौड़ के किसी खास पहलू या इसके भविष्य के प्रभावों के बारे में और जानना चाहेंगे?
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